‘ सुपर अर्थ्स’ और वरुण जैसे आकार के ग्रह नए सितारों के आसपास खगोलीय धूल में छिपे हो सकते हैं और इनकी संख्या पहले के अनुमान के मुताबिक बहुत ज्यादा हो सकती है। में छिपे हो सकते हैं और इनकी संख्या पहले के अनुमान के मुताबिक बहुत ज्यादा हो सकती है। अमेरिका में एरीजोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने वृष तारामंडल में तारों के बनने के क्षेत्र में नए सितारों का अध्ययन करते हुए पाया कि इनमें से ज्यादातर ग्रह सूक्ष्म संरचनाओं से घिरे हुए हैं। इन सूक्ष्म संरचनाओं को निर्माण की प्रक्रिया से गुजर रहे नए ग्रहों के अंशों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
यह शोध एस्ट्रोफिजिकल पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इससे हमारे वैज्ञानिकों को यह बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी कि हमारा सौरमंडल कैसे बना। शोधकर्ताओं ने वृष तारामंडल में नए सितारों का एक सर्वेक्षण किया। यह तारामंडल पृथ्वी से 450 प्रकाश वर्ष दूर गैस और धूल का बना विशाल बादल है। जब शोधकर्ताओं ने प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क से घिरे 32 सितारों का अध्ययन किया तो उन्होंने पाया कि इनमें से 12 नए सितारे हैं।