क्या शनि अपने छल्ले खो रहा है?

क्या आपको मालूम है की शनि अपने प्रतिष्ठित छल्ले खो रहा है?

जी हाँ, हाल ही में नासा के वोएगर १ व वोएगर २ ने पता लगाया है की शनि बहुत तेजी से अपने प्रतिष्ठित छल्ले खो रहा है, नए नासा अनुसंधान से पता लगा है की छल्ले रहने के लिए 100 मिलियन से भी कम वर्षों का समय है।

शनि के छल्ले ज्यादातर सूक्ष्म धूल व अनाज के आकार जैसे पानी के बर्फ के टुकड़े होते हैं जो कई गज (मीटर) आकार में चौड़े होते हैं।
शनि के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में शनि का गुरुत्वाकर्षण इन बर्फ के कणों को शनि में खींचा जा रहा है।

वैज्ञानिक बहुत दिनों से इस बात का पता लगाने में लगे है की शनि छल्लों से बना था इस इन छल्लों को शनि ने बाद में इन्हे किसी दूसरे पिंड से अधिग्रहित किया था। नया खोज दुसरे मत का समर्थन करता हुआ पाया गया। शायद ये छल्ले पहले बहुत विशालकाय थे, और अब हम इनके बहुत पतले रूप को देख रहे हैं।

इन चमकदार छल्लों के बीच में एक गहरे काले रंग का भी छल्ला है। ये काला बैंड 1981 में नासा के वोएगर 2 मिशन द्वारा लिए गए शनि के ऊपरी वायुमंडल (समताप मंडल) की छवियों में दिखाई दिया था।

Post Author: Siddharth Shanker

सिद्धार्थ शंकर मिश्र , इस ब्लॉग पर लेखक हैं | सिद्धार्थ की रुचि विज्ञान, राजनीति तथा प्रशासनिक विषयों में है|

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